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भारत में अर्थशास्त्र

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इतिहास भारत में अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र पर लिखी गयी प्रथम पुस्तक  कौटिल्य  रचित  अर्थशास्त्र  है। अर्थशास्त्र बहुत प्राचीन विद्या है। चार  उपवेद  अति प्राचीन काल में बनाए गए थे। इन चारों उपवेदों में  अर्थवेद  भी एक उपवेद माना जाता है, परन्तु अब यह उपलब्ध नहीं है।  विष्णुपुराण  में भारत की प्राचीन तथा प्रधान 18 विद्याओं में अर्थशास्त्र भी परिगणित है। इस समय  बार्हस्पत्य  तथा  कौटिलीय अर्थशास्त्र  उपलब्ध हैं। अर्थशास्त्र के सर्वप्रथम आचार्य बृहस्पति थे। उनका अर्थशास्त्र सूत्रों के रूप में प्राप्त है, परंतु उसमें अर्थशास्त्र संबंधी सब बातों का समावेश नहीं है। कौटिल्य का अर्थशास्त्र ही एक ऐसा ग्रंथ है जो अर्थशास्त्र के विषय पर उपलब्ध क्रमबद्ध ग्रंथ है, इसलिए इसका महत्व सबसे अधिक है। आचार्य कौटिल्य, चाणक्य के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। ये  चंद्रगुप्त मौर्य  (321-297 ई.पू.) के महामंत्री थे। इनका ग्रंथ 'अर्थशास्त्र' पंडितों की राय में प्राय: 2,300 वर्ष पुराना है। आचार्य कौटिल्य के मतानुसार अर्थशास्त्र का क्षेत...