योग का अभ्यास सुबह-शाम किया जाता है
योग का अभ्यास सुबह-शाम किया जाता है सद्गुरु: योग केवल सुबह-शाम किया जाने वाला अभ्यास मात्र नहीं है। यह जीवन जीने का एक खास तरीका है। व्यक्ति को योग में ढल जाने की जरूरत होती है। सुबह-शाम योग और दिन भर उलझनों में फंसे रहना – यह योग नही, योगाभ्यास है। जीवन का कोई भी ऐसा पहलू नहीं है, जो यौगिक प्रक्रिया से परे हो। अगर आपकी जिंदगी योग बन जाए, तो आप सबकुछ कर सकते हैं। आप अपना परिवार चला सकते हैं, दफ्तर जा सकते हैं, अपना कारोबार चला सकते हैं, अगर आप अपने जीवन में योग को उतार लें, तो बिना किसी बाधा के हर वे काम आप कर सकते हैं, जो आप करना चाहते हैं। जीवन के हर पहलू को आप दोनो तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं – खुद को दुनियादारी में बांधने के लिए भी और दुनियादारी से मुक्त करने के लिए भी। अगर आप इसका इस्तेमाल दुनिया के बंधन में उलझने के लिए करते हैं, तो हम उसे ‘कर्म’ कहते हैं। और अगर आप दुनियादारी से मुक्त करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, तो हम उसे योग कहते हैं।