आईएएस की परीक्षा में पूंछे गये प्रश्न सन 2014 :- 3
परिच्छेद – 2 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के निवल लाभ उनकी कुल परिसंपत्तियों का मात्र 2.2% है, जो प्राइवेट निगम क्षेत्रक की तुलना में कम है। भले ही सार्वजनिक क्षेत्रक या राज्य-संचालित उद्यमवृत्ति ने भारत के औद्योगीकरण को प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथापि, हमारी बढ़ती हुई विकास आवश्यकताएं, सार्वजनिक क्षेत्रक उद्यमों के संतोषजनक से अपेक्षाकृत न्यून निष्पादन, हमारे प्राइवेट क्षेत्रक में आई परिपक्वता, उद्यमवृत्ति के प्रसार हेतु इस समय उपलब्ध कहीं अधिक व्यापक सामाजिक आधार और प्रतियोगिता नीतियों को लागू कर सकने के बढ़ते हुए सांस्थानिक सामर्थ्य यह सुझाते हैं कि सार्वजनिक क्षेत्रक की भूमिका के पुनरवलोकन का समय आ गया है। सरकार का संविभाग-संघटन कैसा होना चाहिए? इसे सारे समय स्थिर नहीं बने रहना चाहिए। विमानन उद्योग पूर्णतः प्राइवेट मामलों की तरह भली-भांति कार्य करता है। दूसरी तरफ, ग्रामीण सड़कों को, जिनका छुटपुट यातायात पथकर व्यवस्था को अव्यवहार्य बना देता है, राज्य के तुलन-पत्र पर होना चाहिए। यदि ग्रामीण सड़कें सरकार के स्वामित्व में न हों, तो उनका अस्तित्व ही न रहेगा। उ...