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विकृतिविज्ञान

विकृतिविज्ञान जिन कारणों से   शरीर   के विभिन्न अंगों की साम्यावस्था , या स्वास्थ्यावस्था , नष्ट होकर उनमें विकृतियाँ उत्पन्न होती हैं , उनको   हेतुकीकारक   ( Etiological factors) और उनके शास्त्र को   हेतुविज्ञान   ( Etiology) कहते हैं। ये कारण अनेक हैं। इन्हें निम्नलिखित भागों में विभक्त किया गया है  : ·          1. वंशानुगत , जन्मजात या शरीर रचना संबंधी ( Hereditary Congenital or Constitutional), ·          2. आवश्यक द्रव्यों का अभाव ( Deficiency), ·          3. संक्रामक ( infectious) उपसर्ग , ·          4. अभिघात ( Trauma), ·          5. भौतिक ( physical) तथा ·          6. रासायनिक ( chemical) । ये हेतुकीकारक जिस प्रकार से विकृतियों को उत्पन्न करते हैं , उसको रोगजनन ( Pathogenesis) कहते हैं। र...